प्रेम कहूँ या परमेश्वर कहूँ तुझे, प्यार में तेरा नाम छिपा! प्रेम कहूँ या परमेश्वर कहूँ तुझे, प्यार में तेरा नाम छिपा!
उसकी याद आती है मगर याद करने का नहीं वो शॉपिंग, मूवी के लिये पैसा मांगती है उसकी याद आती है मगर याद करने का नहीं वो शॉपिंग, मूवी के लिये पैसा मांगत...
कलम ,दवात ,इश्क़ ,नगमे ,अफ़साने अब मेरे हाथों में मय भरा इक प्याला है, मंदिर मस्जिद स कलम ,दवात ,इश्क़ ,नगमे ,अफ़साने अब मेरे हाथों में मय भरा इक प्याला है, म...
देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से। देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से।
कभी मानव-नरसंहारों के लिए विख्यात जहानाबाद पर लिखी एक आत्मपरक कविता। कभी मानव-नरसंहारों के लिए विख्यात जहानाबाद पर लिखी एक आत्मपरक कविता।
अजीज़ के सौंदर्य का वर्णन तरीफ कुछ लब्जो मे अजीज़ के सौंदर्य का वर्णन तरीफ कुछ लब्जो मे